Tuesday, 1 January 2013


दिल्ली 16 दिसंबर 





मानवता खो गई ......अजीब सी बैचैनी है इस आबोहवा में  .सुख सिमट गया है व्यक्तिवादिता  के मायाजाल में .  कौशल्या के राम  नहीं मिलते , सत्जन नत मस्तक  है .  आजाद  मुल्क अपने ही दर्द से तड़प उठा है .......सपने धूमिल  है.........

Thursday, 19 July 2012

       


राजेश खन्ना  एक बेमिसाल और कालजई अदाकार पञ्च तत्व में विलीन हो गया ......छोड़ गया अभिनय की अदभुत मिसाल और न भुला सकने वाली अदाकारी !!!                                      इन्सान केवल  पञ्च तत्व का बना भौतिक रायानिक काया  मात्र नही है। कर्म  काया से सर्वोपरी  है ..

चिताओ की  लपटें  यही बाया करती है !!!काया तो मिट जाएगी; रहा जायेगा  तेरा  करम .......यही  तेरी पहचान है ।